सूक्तियाँ
1. जिसने ज्ञान को आचरण में उतार लिया, उसने ईश्वर को मूर्तिमान कर लिया – विनोबा
2. अकर्मण्यता का दूसरा नाम मृत्यु है – मुसोलिनी
3. समय और समुद्र की लहरें किसी का इंतजार नहीं करतीं – अज्ञात्
4. इच्छा ही सब दुःखों का मूल है – बुद्ध
5. मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु उसका अज्ञान है – चाणक्य
6. आपका आज का पुरुषार्थ आपका कल का भाग्य है – पालशिरू
7. क्रोध एक किस्म का क्षणिक पागलपन है – महात्मा गांधी
8. ठोकर लगती है और दर्द होता है तभी मनुष्य सीख पाता है – महात्मा गांधी
9. अप्रिय शब्द पशुओं को भी नहीं सुहाते हैं – बुद्ध
10. नरम शब्दों से सख्त दिलों को जीता जा सकता है – सुकरात
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