विद्याभारती मध्यभारत प्रान्त की प्रांतीय क्रियाशोध विषय की कार्यशाला 29-30 जुलाई को शारदाविहार भोपाल में आयोजित है।
उद्घाटन सत्र में सुश्री रमा मिश्रा (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विद्या भारती) श्री रविंद कान्हेरे (प्रांताध्यक्ष एवम कुलपति भोज विश्वविद्यालय), श्री देवकीनंदन चौरसिया (क्षेत्र प्रशिक्षण प्रमुख),श्री राकेश शर्मा (क्षेत्र तकनीकी शिक्षा प्रमुख) उपस्थित रहे। कार्यक्रम की भूमिका श्री राकेश शर्मा ने प्रस्तुत की।
उद्घाटन सत्र में प्रो0 कान्हेरे ने विचार व्यक्त करते हुए स्पस्ट किया कि ,अध्धयन ,अध्यायपन एवं प्रवंधन से संबबधित ऐसे अनेक विषय सन्मुख आते है जो हमारी अध्यन पद्धति को प्रभावित करती है। उनका ज्ञान होना और उनका समाधान वही कर सकता है जो उसमे रमा हुआ हो और समाधान के लिए प्रयास रात हो। क्लास के अंदर विद्याथियों में जिज्ञासा किस प्रकार से ऊपर उठे 1.छात्र क्लास में शांत और गुमसुम क्यो रहता है?छात्र क्लास में चंचल छात्रों को कैसे समझा और समझाया जाए? छात्रों के सामाजिक और आर्थिक परिवेश में अंतर होने पर उनमें परस्पर किस तरह समभाव विकसित किया जाए?साथ ही यदि किसी छात्र में हीनता अथवा ईगो का भाव यदि है तो उसमें उसे उस भाव को कैसे बदला जाए?यद्द्पि यह जरूरी नही कि कि एक ही कक्षा में एक उद्बोधन को सभी छात्र एक समान ग्रहण करे ।परतु हमारा ध्यान इसओर जाना चाहिए कि छात्रों में एकाग्रता का स्तर क्यो कम हो रहा है? छात्रों के मन मे क्या चलता रहता है और उसे अध्यन की मुख्य धारा में किस प्रकार लाया जाए?। ऐसे अनेक विषय जो अध्यन अध्यापन करने वालो के अनुभव में आते रहते है इन्ही पर सघन और गंभीरता से चिंत्तन होना चाहिए। यह चिंत्तन एकाकी न होकर सामूहिक होगा तो समाधान रूप से ही निकलेगा।
Saturday, July 29, 2017
प्रांतीय क्रियाशोध विषय की कार्यशाला
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