सरस्वती वंदना : विद्या की देवी को प्रणाम
शास्त्रों में लिखा है कि विद्या की देवी मां सरस्वती(Saraswati Mata) हैं. उनके ही आशिर्वाद से हम सभी शब्द, स्वर और संकेतों को समझने में निपुण है. उनके बिना यह संसार शुन्य होता. मां सरस्वती (Saraswati Mata) को ब्रहमा जी ने प्रकट किया था. श्वेत वर्ण के वस्त्रधारी, हाथों में वीणा लिए और कमल के आसन पर बैठी मां सरस्वती ज्ञान और विद्या को देने वाली हैं. आइयें हम सभी मिलकर सरस्वती मां की अर्चना करें ताकि उनकी कृपा हम सभी पर बराबर बरकरार रहें. स्
हे शारदे मां, हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तार दे मां
तु स्वर की देवी है संगीत तुझसे, हर शब्द तेरा है हर गीत तुझसे,
हम है अकेले, हम है अधुरे, तेरी शरण हम,हमे प्यार दे मां
हे शारदे मां, हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तार दे मां
हम है अकेले, हम है अधुरे, तेरी शरण हम,हमे प्यार दे मां
हे शारदे मां, हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तार दे मां
मुनीओं ने समझी, गुणीओं ने जानी, वेदों की भाषा, पुराणों की बानी,
हम भी तो समझें, हम भी तो जानें,विद्या का हमको अधिकार दे मां
हे शारदे मां, हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तार दे मां
हम भी तो समझें, हम भी तो जानें,विद्या का हमको अधिकार दे मां
हे शारदे मां, हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तार दे मां
तु श्वेतवरणी, कमल पे बिराजे, हाथों में वीणा, मुकुट सर पे साजे,
मन से हमारे मिटा दे अंधेरे,हमको उजालों का सॆसार दे मां
हे शारदे मां, हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तार दे मां
मन से हमारे मिटा दे अंधेरे,हमको उजालों का सॆसार दे मां
हे शारदे मां, हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तार दे मां
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