देश हमे देता है सब कुछ,
देश हमे देता है सब कुछ,
हम भी तो कुछ देना सीखे ॥०॥
सूरज हमे रोशनी देता,हवा नया जीवन देती है ॥
भूख मिटाने को हम सब की,धरती पर होती खेती है ॥
औरों का भी हित हो जिस मे,हम ऐसा कुछ करना सीखे ॥१॥
गरमी की तपती दुपहर मे,पेड सदा देते है छाया ॥
सुमन सुगन्ध सदा देते है,हम सब को फूलों की माला ॥
त्यागी तरुओं के जीवन से,हम परहित कुछ करना सीखे ॥२॥
जो अनपढ है उन्हे पढाये,जो चुप है उनको वाणी दे ॥
पिछढ गये जो उन्हे बढाये,समरसता क भाव जगा दे ॥
हम मेहनत के दीप जला कर,नया उजाला करना सीखे ॥३॥
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